राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह हुआ संपन्न
राजभाषा
विभाग, गृह
मंत्रालय, भारत
सरकार द्वारा दिनांक 12 जनवरी, 2018 को राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के देशमुख
सभागार, मुंबई में मध्य और पश्चिम क्षेत्रों
में स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों, बैंकों एवं उपक्रमों इत्यादि के लिए संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह वर्ष
2017-18 का आयोजन किया गया । सम्मेलन की अध्यक्षता महाराष्ट्र
के माननीय राज्यपाल श्री चेन्नमनेनी विद्यासागर राव ने की तथा उनके कर-कमलों से केंद्र सरकार के
कार्यालयों, बैंकों एवं
उपक्रमों को विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत राजभाषा में उत्कृष्ठ कार्य करने हेतु
पुरस्कार प्रदान किए गए । श्री रजनीश कुमार, अध्यक्ष, भारतीय स्टेट बैंक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे तथा इस मौके पर राजभाषा
विभाग के सचिव श्री प्रभास कुमार झा, संयुक्त सचिव डॉ. बिपिन बिहारी, श्रीमती आशा अग्रवाल, मुख्य आयकर आयुक्त, गुजरात, अहमदाबाद, श्री उमेश धात्रक, अध्यक्ष एवं प्रबंध
निदेशक,
राष्ट्रीय
केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड तथा श्री अनिरुद्ध गुहा, महाप्रबंधक, भिलाई इस्पात
संयंत्र सहित केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/उपक्रमों
आदि के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इस मौके पर बोलते हुए श्री चेन्नमनेनी विद्यासागर राव ने कहा कि मेरी
प्रारंभिक शिक्षा तेलुगू में हुई है परंतु मुझे हिंदी में बोलना अच्छा लगता
है। विभिन्न क्षेत्रों की प्राकृतिक भाषाएं यदि फूल हैं तो हिंदी भाषा धागे का
कार्य कर रही है। कई देशों में हिंदी भाषा
बोली जा रही है और हिंदी फिल्मों का प्रभाव बढता जा रहा है। उनका कहना था कि देश
की एकता,
सार्वभौमिकता
तथा अक्षुण्णता में हिंदी भाषा का महत्वपूर्ण योगदान है। श्री राव ने कहा कि
हिंदी बचेगी तो राष्ट्र बचेगा। विभिन्न विद्वानों ने देश की एक सूत्र में बाधनें
की कडी में हिंदी भाषा का प्रयोग किया है। उनका कहना था कि विश्व की अनेक भाषाएं
लुप्त होती जा रही हैं और हमारे देश में भी कई क्षेत्रीय भाषाएं इस संकट का सामना
कर रही हैं। इसलिए हिंदी भाषा के साथ क्षेत्रीय भाषाओं को समृद्ध करने की आवश्यकता
है। उनका यह भी कहना था कि जैसे पानी का कोई रंग नहीं होता उसी प्रकार हिंदी बोलने
के लिए भी किसी प्रकार के विशेष ढंग की आवश्यकता नहीं होती है और अलग अलग
क्षेत्रों के लोग अलग-अलग ढंग से हिंदी बोल सकते हैं। अपनी मातृभाषा मे शिक्षा
प्राप्त करने से दूसरी भाषाओं को सीखने में आसानी होती है। श्री राव ने राजभाषा
विभाग को बधाई देते हुए विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा
अलग-अलग क्षेत्रों में और पुरस्कार शामिल करते हुए हिंदी प्रेमियों को प्रोत्साहित
करने को कहा। वर्तमान समय की जरूरत बताते हुए उन्होंने हिंदी को उसके सरलतम रूप
में अपना राष्ट्रीय कर्तव्य समझकर राजकीय
कामकाज में ज़्यादा-से-ज़्यादा प्रयोग में लाने पर बल दिया ।
कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री
रजनीश कुमार, अध्यक्ष, भारतीय स्टेट बैंक ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु प्रतिबद्ध
है तथा इस दिशा में कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। बैंक द्वारा बने बहुभाषीय ऐप
ग्राहकों से सीधे जुडनें में सफलता देते हैं। उनका कहना था कि हिंदी में व्यवहार
करने से नजदीकी बढती है इसलिए राजभाषा हिंदी व्यवहार में शामिल होनी चाहिए।
कार्यक्रम
में बोलते हुए सचिव, राजभाषा
विभाग, गृह मंत्रालय श्री प्रभास
कुमार झा का कहना था कि केन्द्र सरकार के कार्यालयों और संगठनों में बड़ी संख्या में
कर्मचारी अपने क्रियाकलापों में हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करने के इच्छुक हैं, परंतु उपलब्ध तकनीकी सुविधाओं की पर्याप्त जानकारी के अभाव
में हिंदी भाषा का प्रयोग प्रभावशाली ढंग से नहीं कर पाते हैं ।
श्री
प्रभास कुमार झा ने बताया कि हिंदी व उससे
संबंधित संसाधनों के विकास, प्रयोग तथा प्रचार –
प्रसार की दिशा में प्रयास निरंतर
जारी हैं और राजभाषा विभाग द्वारा विगत कुछ समय से हिंदी के अनेक ई–टूल्स
विकसित किए गए हैं, जिनसे कम्प्यूटर और प्रौद्योगिकी में
हिंदी का प्रयोग सरल और व्यापक हुआ है I श्री झा ने
जानकारी दी कि हिंदी भाषा का स्वयं प्रशिक्षण देने हेतु हिंदी ‘लीला’ का
मोबाइल एप विकसित किया गया जिसका लोकार्पण दिनांक 14 सितंबर,
2017 को हिंदी दिवस समारोह में माननीय राष्ट्रपति जी के कर-कमलों से किया गया था I उन्होंने
विश्वास जताया कि लीला एप से बड़ी संख्या में लोग,
विशेषकर युवा पीढ़ी सुगमतापूर्वक घर बैठे हिंदी भाषा का समुचित ज्ञान प्राप्त कर
सकेगी.
इससे
पहले कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए राजभाषा विभाग के संयुक्त सचिव
डॉ. बिपिन बिहारी ने देश के अलग-अलग क्षेत्रों में आयोजित किए जाने वाले इन
सम्मेलनों एवं समारोहों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इन सम्मेलनों
का उद्देश्य राजभाषा नीति के कार्यान्वयन में आ रही समस्याओं का समाधान ढूँढना और
इस दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्यालयों एवं कार्मिकों को पुरस्कृत कर
उन्हें प्रोत्साहित करना है I उनका कहना था कि क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलनों के
आयोजन से, राजभाषा से जुड़े
विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श हेतु एक सशक्त मंच उपलब्ध होता है तथा सरकारी
कामकाज में राजभाषा हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहन मिलता है I कार्यक्रम के दौरान श्रीमती आशा अग्रवाल, मुख्य आयकर आयुक्त, गुजरात, अहमदाबाद तथा श्री
उमेश धात्रक,
अध्यक्ष
एवं प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड ने भी अपने विचार
रखे। सम्मेलन के द्वितीय सत्र में पश्चिम और मध्य क्षेत्रों में
कार्यरत नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों के अध्यक्षों एवं सदस्य-सचिवों के साथ
विचार-विमर्श किया गया.
विदित
हो कि राजभाषा विभाग द्वारा राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु देश के चार
क्षेत्रों में इस तरह के सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2017-2018
के तहत पहला क्षेत्रीय सम्मेलन विशाखापट्टनम में आयोजित किया जा चुका है तथा
मुंबई में दूसरा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राजभाषा विभाग
द्वारा चार तकनीकी संगोष्ठियों का भी आयोजन किया जाता है।
राजभाषा विभाग द्वारा सूचना प्रबंधन प्रणाली के
माध्यम से सभी नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों की रिपोर्टें विभाग को ऑनलाइन
प्रेषित करने की सुविधा प्रारम्भ की गई है, जिसके अंतर्गत सभी नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों को यूज़र आई डी
और पासवर्ड उपलब्ध कराए गए हैं। इसके द्वारा नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियां, वेबसाइट पर लॉग-इन करके बैठकों की कार्यसूची, कार्यवृत्त आदि सभी संगत सूचनाएं राजभाषा विभाग को ऑनलाइन भेजती हैं।
इसी प्रकार केंद्र सरकार के कार्यालयों/बैंकों/उपक्रमों आदि से भी ऑनलाइन सूचनाएं
प्राप्त की जाती है और इन्हीं सूचनाओं के आधार पर पुरस्कारों का मूल्यांकन किया
जाता है I
राजभाषा भारती का हुआ विमोचन
राजभाषा
विभाग, गृह
मंत्रालय, भारत
सरकार द्वारा दिनांक 12 जनवरी, 2018 को राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के देशमुख
सभागार, मुंबई में
मध्य
और पश्चिम क्षेत्रों में स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों, बैंकों एवं
उपक्रमों इत्यादि के लिए आयोजित संयुक्त क्षेत्रीय
राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में माननीय राज्यपाल श्री चेन्नमनेनी
विद्यासागर राव द्वारा राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की पत्रिका 'राजभाषा भारती' के अंक 152 का
विमोचन किया गया। विगत 40 वर्षों से प्रकाशित होने वाली पत्रिका 'राजभाषा भारती' राजभाषा हिंदी के
प्रचार-पसार में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही है।
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