हेमा फाउंडेशन द्वारा विद्यालयों के लिए 4 वर्षों का पाठ्यक्रम का विमोचन
हेमा फाउंडेशन द्वारा निर्मित 32 नैतिक मूल्य पर लघु चलचित्र तथा "हेम दिशा" शिक्षक मार्गदर्शिका के विमोचन आई.डी.एफ. के स्थापक अध्यक्ष डॉ. ए.आर.के पिल्लै, फिल्म अभिनेता- श्री मनोज जोशी, गीता परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष- डॉ. संजय मालपानी, उपाध्यक्ष- श्री आशु गोयल, बाल मनोविज्ञानी- श्रीमती चिनू अग्रवाल, शिक्षाविद् एवं शोधकर्ता डॉ. नागपाल सिंह, मुम्बई भाजपा के सचिव- संजय उपाध्याय, राम रत्ना समूह के चेयरमैन रामेश्वरलाल काबरा, आर. आर. ग्लोबल के चैरयमैन- त्रिभुवन काबरा, हेमा फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी महेन्द्र काबरा एवं फाउंडेशन के न्यासी एवं क्रिएटिव डायरेक्टर श्रीमती अनिता माहेश्वरी की गरिमाय उपस्थिति में रवींद्र नाट्य मंदिर, मुंबई में एक भव्य समारोह हुई।
डॉ. पिल्लै ने अपने वक्तव्य में कहा- "नैतिक शिक्षा" के क्षेत्र में हेमा फउंडेशन द्वारा किए जा रहे महान कार्य का मैं भी एक हिस्सा बना हूँ। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे सलाहकार समिति में चयन किया गया है। नैतिक शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए डॉ. संजय मालपानी ने उदाहरण देते हुए कहा कि बच्चों की भावनाओं को समझने का प्रयास करना चाहिए न कि उस पर थोपें। अगर उनकी भावना को समझकर उन्हें प्रोत्साहित करें तो उनके अंदर छिपी प्रतिभा निखरती है। मनोज जोशी ने नैतिक शिक्षा की आवश्यकता को समझाते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में नैतिकता का पाठ निहित है और विश्व को हमने इसका पाठ पढ़ाया, परन्तु परकीय शासन के कारण इसका ह्रास हुआ है। अतः जरूरत है हम पुनः नैतिक शिक्षा के इस पाठ्यक्रम को अपनाएं।
महेन्द्र काबरा ने बताया कि फाउंडेशन ने पिछले दो वर्षों में नैतिक शिक्षा के इस उपक्रम को एक नया स्वरूप सरल, मनोरंजक एवं प्रभावी बनाया है, ताकि बच्चें इसे आसानी से इसे आत्मसात कर पुनः भारत के गौरवशाली इतिहास को दोहराएं जिससे भारत पुनः विश्व गुरु बने।
हेमा फाउंडेशन की न्यासी एवं क्रिएटिव डायरेक्टर श्रीमती अनिता माहेश्वरी ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि नैतिक मूल्यों के इन विषयों पर गहराई से अध्ययन कर इसे प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया गया है। "हेम-दिशा" शिक्षक मार्गदर्शिका में सुवाक्य, संस्कृत श्लोक, संवाद, प्रेरक कहानियाँ, कविताएँ, प्रेरणादायी नाटिकाएँ, चित्रकला, खेल-खेल में सिखाना एवं पहेलियों आदि को लिपिबद्ध किया गया है। यह अत्यन्त रुचिकर एवं सरल भाषा में होने के कारण बच्चों में उत्साहपूर्वक सिखने की मनोवृति जागृत होगी तथा बच्चे आनंद के साथ सुगमतापूर्वक सीख सकते हैं।
यही कारण है हेमा फाउंडेशन द्वारा निर्मित इस पाठ्यक्रम को सोलापुर विद्यापीठ ने “कौशल विकास योजना“ कार्यक्रम के अन्तर्गत नैतिक मूल्य शिक्षा प्रमाण-पत्र अभ्यासक्रम को मान्यता प्रदान की है। इस प्रमाण-पत्र अभ्यासक्रम में गीता परिवार द्वारा रचित वाणी शुद्धि का अभ्यास, सर्व कल्याण योग- स्काय रचित प्रज्ञा व ज्ञानेंद्रियाँ संवर्धन यौगिक तंत्र और हेमा फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित हेम दिशा शिक्षक मार्गदर्शिका तथा जीवन मूल्य पर निर्मित 32 लघु चलचित्र एवं गतिविधियों पर आधारित वर्तन शास्त्र का समावेश किया गया है। इस अभ्यासक्रम की रचना संगीता सुरेश जाधव ने लिखित तथा प्रात्यक्षिक पाठ्यक्रम को 96 तासिकाओं में विभाजित कर 6 महीने में सप्ताह में दो दिन दो घंटे इस प्रकार किया है। यह पाठ्यक्रम विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को बिल्कुल मुफ्त दी जा रही है।
सूचना-प्रद्योगिकी गति को ध्यान में रखते हुए हेमा फाउंडेशन ने एक नया पहल- मोबाइल ऐप विकसित किया है। जहाँ से पुस्तक-सामग्री एवं प्रतियोगिता संबंधी जानकारी डाउनलोड की जा सकती है। अगर किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो, तो कृपया हमें admin@hemafoundation.org पर भी संपर्क कर सकते हैं।
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